इस जाहिल - चपड़गंजु मंत्री से पूछा जाए कि " इसके दोनों गुजराती नमूने सरदार व् इसकी मंडली के तमाम जमूरे चुनाव वाले पाँच राज्यों में घूम - घूम कर भीड़ जुटा कर क्या फैला रहे हैं ?"
इस दिमाग से पैदल मंत्री की अकल तब घास चरने गयी थी क्या जब इसके आका ने पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान ठरकी ट्रंप के स्वागत में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में लाखों की भीड़ जुटाई थी और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को देश में संक्रमण आयात करने की खूली छूट दे रखी थी ?? ... क्या ये जमूरा बता सकता है कि " किन कारणों से इसकी सरकार ने चिकित्सा जगत व् वैज्ञानिकों - विशेषज्ञों की तमाम चेतावनियों को नजरअंदाज कर पूरे देश में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ने दीं और कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में पूरे देश को झोंक दिया, महाराष्ट्र में संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत के बावजूद महाराष्ट्र से आने वाली उड़ानों व् ट्रेनों पर रोक क्यूँ नहीं लगाई गयी और अब जब पूरे देश में स्थिति भयावह हो चुकी है तो किन मजबूरियों के तहत देश में लाॅक-डाउन लगाने से परहेज किया जा रहा है ????"
मुहँ से गाली निकलती है इन जैसों के लिए और सच कहूँ तो गाली सुनने के हकदार हैं भी ऐसे लोग ... " इसकी .. का साकीनाका "....
(दो टूक@आलोक)
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